"G20 शिखर सम्मेलन 2025: भारत की तैयारी, चुनौतियां और नई पहल"



परिचय

G20 शिखर सम्मेलन, जो विश्व की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग और संवाद का मंच है, 2025 में भारत में आयोजित होने जा रहा है। यह आयोजन न केवल भारत के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है बल्कि वैश्विक मंच पर देश की प्रतिष्ठा को और मजबूत करने का भी अवसर है। इस लेख में हम G20 शिखर सम्मेलन 2025 की तैयारियों, भारत की भूमिका और नई पहलों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।



G20 शिखर सम्मेलन का महत्व


G20 समूह विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को साथ लाने का एक महत्वपूर्ण मंच है।



सदस्य देश: इसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं।


मुख्य उद्देश्य: आर्थिक स्थिरता, वैश्विक विकास, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना।


वैश्विक प्रभाव: G20 देश दुनिया की कुल GDP का लगभग 85% और वैश्विक व्यापार का 75% प्रतिनिधित्व करते हैं।


भारत की अध्यक्षता का महत्व


भारत के लिए 2025 की अध्यक्षता महत्वपूर्ण है क्योंकि:


1. वैश्विक नेतृत्व: यह भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख नेता के रूप में उभरने का मौका देगा।



2. भारतीय दृष्टिकोण: भारत दुनिया के सामने अपनी विकास योजनाओं और वैश्विक समस्याओं पर अपने समाधान प्रस्तुत कर सकेगा।



3. आर्थिक सुधार: भारत के लिए निवेशकों और उद्योगों को आकर्षित करने का अवसर मिलेगा।



भारत की तैयारी


1. लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर


भारत सरकार ने प्रमुख शहरों में आयोजन स्थलों को अपग्रेड करने का काम शुरू कर दिया है।


नई दिल्ली, मुंबई, और बेंगलुरु जैसे शहरों में विश्वस्तरीय सम्मेलन हॉल बनाए जा रहे हैं।


यातायात और सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।



2. डिजिटल इंडिया की झलक


भारत सम्मेलन को अधिक डिजिटल बनाने के लिए कई तकनीकी पहल कर रहा है।


एक विशेष G20 ऐप विकसित किया जा रहा है, जिसमें सम्मेलन से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध होगी।


वर्चुअल मीटिंग्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग बढ़ेगा।



3. पर्यावरणीय स्थिरता


"हरित G20" पहल के तहत, भारत ने पर्यावरण के अनुकूल आयोजन सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है।


सभी आयोजन स्थलों पर सौर ऊर्जा का उपयोग और कचरे का प्रबंधन होगा।


G20 देशों के बीच हरित प्रौद्योगिकी साझा करने की योजना बनाई गई है।



4. सांस्कृतिक प्रदर्शन


भारत अपनी सांस्कृतिक विविधता और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करेगा।


आगंतुकों के लिए योग, भारतीय संगीत और नृत्य पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।


भारतीय व्यंजन और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी।



प्रमुख एजेंडा विषय


1. आर्थिक सुधार और विकास


COVID-19 महामारी के बाद वैश्विक आर्थिक सुधार पर चर्चा होगी।


डिजिटल अर्थव्यवस्था और क्रिप्टोकरेंसी जैसे मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित होगा।



2. जलवायु परिवर्तन और हरित ऊर्जा


जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए नई नीतियों और तकनीकों पर विचार किया जाएगा।


नवीकरणीय ऊर्जा और कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर सहयोग की संभावना है।



3. स्वास्थ्य और महामारी प्रबंधन


COVID-19 और भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने पर चर्चा होगी।


सभी देशों के लिए टीका वितरण में समानता सुनिश्चित करने के तरीकों पर विचार किया जाएगा।



4. शिक्षा और युवा सशक्तिकरण


G20 युवा सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसमें नई पीढ़ी की भूमिका पर चर्चा होगी।


शिक्षा में नई तकनीकों और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाई जाएगी।


भारत की नई पहलें


1. वैश्विक दक्षिण की आवाज़


भारत उन विकासशील देशों की आवाज़ बनेगा, जो अब तक वैश्विक मंच पर पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं पाते


आर्थिक और तकनीकी सहायता के लिए नई योजनाएं लाई जाएंगी।



2. 'वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर'


भारत ने इस सम्मेलन का थीम "वसुधैव कुटुंबकम" रखा है, जो दुनिया को एक परिवार मानने की भारतीय सोच को दर्शाता है।



3. डिजिटल समावेश


सभी देशों को डिजिटल तकनीक में समान अवसर देने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा।



4. महिला सशक्तिकरण


महिलाओं के नेतृत्व में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं प्रस्तावित की जाएंगी।


भारत के लिए चुनौतियां


1. लॉजिस्टिक्स प्रबंधन: इतनी बड़ी संख्या में नेताओं और प्रतिनिधियों को संभालना।



2. सुरक्षा: आयोजन स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।



3. वैश्विक अपेक्षाएं: G20 देशों की उम्मीदों पर खरा उतरना।



निष्कर्ष


G20 शिखर सम्मेलन 2025 भारत के लिए न केवल एक जिम्मेदारी है बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाने का अवसर भी है। इस आयोजन के माध्यम से भारत अपनी सांस्कृतिक विविधता, आर्थिक नीतियों और तकनीकी क्षमताओं को विश्व के सामने प्रदर्शित करेगा। यदि तैयारियां सुचारू रूप से पूरी होती हैं और एजेंडा प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है, तो यह सम्मेलन वैश्विक समस्याओं के समाधान में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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