डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधन (2025) – पूरी जानकारी

डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधन (2025) – पूरी जानकारी
भूमिका
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हाल ही में अमेरिकी संसद (US Congress) के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। यह संबोधन 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद आया है, जिसमें जो बाइडेन फिर से राष्ट्रपति चुने गए। ट्रंप, जिन्होंने चुनाव के नतीजों पर सवाल उठाए थे, अब 2025 में अपनी राजनीतिक रणनीति को मजबूत करने के लिए सक्रिय हैं।

ट्रंप के इस भाषण ने अमेरिकी राजनीति, विदेश नीति और अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव डाला है। उन्होंने बाइडेन प्रशासन की नीतियों की कड़ी आलोचना की और अपने समर्थकों से अपील की कि वे अमेरिका को "फिर से महान" (Make America Great Again) बनाने के उनके मिशन में शामिल हों।

डोनाल्ड ट्रंप के भाषण की प्रमुख बातें

1. अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर ट्रंप के विचार

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषण की शुरुआत अमेरिका की आर्थिक स्थिति की आलोचना से की। उन्होंने कहा कि जब वे राष्ट्रपति थे, तब देश की अर्थव्यवस्था मजबूत थी, लेकिन बाइडेन प्रशासन की नीतियों ने इसे कमजोर कर दिया है।

बेरोजगारी दर: ट्रंप ने दावा किया कि 2020 में उनके प्रशासन के तहत अमेरिका में बेरोजगारी दर रिकॉर्ड निचले स्तर पर थी, लेकिन अब यह बढ़ रही है।

महंगाई और गैस की कीमतें: उन्होंने कहा कि बाइडेन के नेतृत्व में गैस, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं।

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टैक्स नीतियां: ट्रंप ने बाइडेन की कर नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि वे मध्यम वर्ग और छोटे व्यवसायों पर भारी बोझ डाल रही हैं।

चीन पर निर्भरता: ट्रंप ने अमेरिका में निर्माण और उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया और चीन पर निर्भरता को कम करने की आवश्यकता बताई।

2. अमेरिका की विदेश नीति और वैश्विक संबंध

ट्रंप ने अपने भाषण में अमेरिका की विदेश नीति पर भी चर्चा की और बाइडेन प्रशासन की कूटनीतिक रणनीतियों पर सवाल उठाए।

रूस-यूक्रेन युद्ध: ट्रंप ने दावा किया कि यदि वे राष्ट्रपति होते, तो रूस-यूक्रेन युद्ध को रोका जा सकता था।

चीन और ताइवान संकट: उन्होंने कहा कि चीन की आक्रामक नीतियां बढ़ रही हैं, और बाइडेन प्रशासन इसे रोकने में विफल रहा है।

इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष: ट्रंप ने इजराइल का समर्थन किया और बाइडेन की मध्य पूर्व नीति की आलोचना की।

नाटो और अमेरिका: ट्रंप ने यूरोपीय देशों से अधिक रक्षा खर्च वहन करने की मांग दोहराई।

3. ट्रंप की जो बाइडेन पर तीखी टिप्पणी

ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन की कई नीतियों की कड़ी आलोचना की।

सीमा सुरक्षा: ट्रंप ने कहा कि बाइडेन की नीतियों के कारण अमेरिका में अवैध प्रवासियों की संख्या बढ़ गई है।

स्वास्थ्य सेवा: उन्होंने बाइडेन की स्वास्थ्य नीतियों को "असफल" बताया और कहा कि वे स्वास्थ्य बीमा को और महंगा बना रहे हैं।

गन कंट्रोल (हथियार नीति): ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन की गन कंट्रोल नीतियों की आलोचना की और इसे नागरिकों की स्वतंत्रता के खिलाफ बताया।

4. ट्रंप की 2025 की चुनावी रणनीति और भविष्य की योजनाएं

हालांकि ट्रंप ने अभी तक 2028 के चुनाव में भाग लेने की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन उनके भाषण से संकेत मिलता है कि वे राजनीति में पूरी तरह सक्रिय रहेंगे।

मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (MAGA) आंदोलन: ट्रंप ने अपने समर्थकों से इस मिशन को जारी रखने की अपील की।

रिपब्लिकन पार्टी में प्रभाव: उन्होंने संकेत दिया कि वे रिपब्लिकन पार्टी में अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखेंगे और 2026 के मिडटर्म इलेक्शन में भूमिका निभाएंगे।

डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया रणनीति: ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ (Truth Social) को और विस्तार देने की योजना बताई।

ट्रंप के भाषण का अमेरिका और दुनिया पर प्रभाव

अमेरिका में ट्रंप के भाषण की प्रतिक्रिया

ट्रंप के इस भाषण को लेकर अमेरिका में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।

ट्रंप समर्थकों की प्रतिक्रिया: उनके समर्थकों ने इसे "सच्चे राष्ट्रवादी नेता का भाषण" बताया।

डेमोक्रेट्स की आलोचना: डेमोक्रेट्स ने ट्रंप के भाषण को "झूठ और भ्रामक तथ्यों" से भरा बताया।

बाजार पर प्रभाव: उनके भाषण के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में हलचल देखी गई।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

रूस और चीन: ट्रंप के सख्त रुख के कारण इन देशों से तीखी प्रतिक्रिया आई।

यूरोपीय यूनियन: यूरोप में कई देशों ने ट्रंप के नाटो पर दिए गए बयानों पर चिंता जताई!

मध्य पूर्व: इजराइल ने ट्रंप के समर्थन को सकारात्मक रूप से लिया।

निष्कर्ष: क्या ट्रंप 2028 में फिर राष्ट्रपति पद की दौड़ में होंगे?

डोनाल्ड ट्रंप का यह भाषण केवल एक राजनीतिक बयानबाजी नहीं थी, बल्कि यह उनके भविष्य की योजनाओं का संकेत था। 2028 के राष्ट्रपति चुनाव में वे फिर से चुनाव लड़ सकते हैं, और यह भाषण उनकी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।

यदि ट्रंप चुनाव लड़ते हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वे बाइडेन प्रशासन की विफलताओं को कितना भुना पाते हैं और क्या वे अपने समर्थकों को संगठित कर पाते हैं। फिलहाल, उनके इस भाषण ने अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा दी है और आने वाले समय में इसके और प्रभाव दिख सकते हैं।


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