बिहार दिवस 2025: इतिहास, महत्व और समारोह
परिचय
बिहार दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है। यह वही दिन है जब 1912 में बिहार को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग कर एक स्वतंत्र राज्य बनाया गया था। इस दिन को बिहार के लोग बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाते हैं।
बिहार दिवस का इतिहास
1. बिहार की स्थापना
22 मार्च 1912 को अंग्रेजों ने बिहार और उड़ीसा को बंगाल से अलग कर एक नया प्रांत बनाया।
1936 में उड़ीसा को अलग कर दिया गया और बिहार एक स्वतंत्र प्रांत बना।
1950 में यह भारतीय गणराज्य का एक राज्य बन गया।
2. नामकरण की कहानी
‘बिहार’ शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द “विहार” से हुई है, जिसका अर्थ है मठ या निवास स्थान।
प्राचीन काल में यह क्षेत्र बौद्ध और जैन मठों से भरा हुआ था, इसलिए इसे बिहार कहा जाने लगा।
बिहार दिवस का महत्व
यह दिन बिहार की संस्कृति, इतिहास और विरासत को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।
बिहार दिवस सिर्फ बिहार में ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों और विदेशों में रहने वाले बिहारी समुदाय द्वारा भी मनाया जाता है।
यह दिन बिहार की शिक्षा, पर्यटन, आर्थिक और सामाजिक प्रगति को दर्शाने का अवसर होता है।
बिहार दिवस समारोह
1. सरकारी आयोजन
बिहार सरकार इस दिन राजधानी पटना सहित सभी जिलों में कई सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन करती है।
स्कूलों और कॉलेजों में निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद, क्विज और चित्रकला प्रतियोगिता होती हैं।
पटना के गांधी मैदान में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य लोग शामिल होते हैं।
2. सांस्कृतिक कार्यक्रम
लोक गीत, नृत्य और नाटक के माध्यम से बिहार की कला और परंपरा को प्रदर्शित किया जाता है।
प्रसिद्ध भोजपुरी, मैथिली, मगही और अंगिका गायकों द्वारा संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
3. बिहार की विशेषता पर ध्यान
बिहार दिवस के अवसर पर राज्य की ऐतिहासिक धरोहरों और पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रचार अभियान चलाए जाते हैं।
बोधगया, राजगीर, नालंदा, वैशाली और पावापुरी जैसे पर्यटन स्थलों पर विशेष कार्यक्रम होते हैं।
बिहार की पहचान और गौरव
बिहार भारत की संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ चाणक्य, आर्यभट्ट, गुरु गोविंद सिंह, महावीर और गौतम बुद्ध जैसे महान व्यक्तित्वों ने जन्म लिया। बिहार का नालंदा विश्वविद्यालय और विक्रमशिला विश्वविद्यालय पूरे विश्व में प्रसिद्ध रहे हैं।
बिहार कृषि, शिक्षा, राजनीति और उद्योग के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है। आज बिहार तेजी से विकास कर रहा है और डिजिटल युग में कदम बढ़ा रहा है।
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निष्कर्ष
बिहार दिवस सिर्फ एक राजकीय पर्व नहीं, बल्कि बिहार की समृद्ध संस्कृति, गौरवशाली इतिहास और उज्ज्वल भविष्य को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन हर बिहारी को अपनी जड़ों से जोड़ता है और प्रदेश के विकास में योगदान देने की प्रेरणा देता है।
"बिहार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!"
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