International Nowruz Dayअंतर्राष्ट्रीय नवरोज़ दिवस 2025: इतिहास, महत्व और उत्सव की परंपराएँ
🔹 introduction
हर साल 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय नवरोज़ दिवस (International Nowruz Day) मनाया जाता है। यह फारसी नववर्ष का उत्सव है, जिसे संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 2010 में आधिकारिक मान्यता दी थी। नवरोज़ वसंत के आगमन, नई शुरुआत और समृद्धि का प्रतीक है। यह दिन ईरान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, अज़रबैजान, भारत और अन्य देशों में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है।
नवरोज़ दिवस का इतिहास
नवरोज़ (Nowruz) का अर्थ "नया दिन" होता है, और इसका इतिहास 3000 वर्षों से भी अधिक पुराना है।
इसकी जड़ें प्राचीन फारसी सभ्यता (Persian Empire) से जुड़ी हैं।
इसे ज़ोरास्ट्रियन (Zoroastrian) धर्म और पारसी समुदाय के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है।
इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 2010 में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता दी और यह दुनिया भर में एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मनाया जाता है।
नवरोज़ 2025 की थीम
हर साल, संयुक्त राष्ट्र नवरोज़ को सांस्कृतिक विविधता और शांति के प्रतीक के रूप में मान्यता देता है। हालांकि, 2025 की थीम अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन यह सामाजिक सद्भाव, प्रकृति और नई शुरुआत पर केंद्रित हो सकती है।
नवरोज़ कैसे मनाया जाता है?
1. हफ्त-सीन (Haft-Seen) टेबल सजाना
नवरोज़ पर एक विशेष टेबल "हफ्त-सीन" (Haft-Seen) सजाई जाती है। इसमें सात वस्तुएं होती हैं, जो फ़ारसी भाषा में "S" अक्षर से शुरू होती हैं और जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतीक होती हैं:
सब्ज़े (Sabzeh) – ताजगी और नई शुरुआत
सीर (Seer - लहसुन) – सेहत और सुरक्षा
सेब (Seeb) – सौंदर्य और प्रेम
समनू (Samanu) – शक्ति और समृद्धि
सिरका (Serkeh) – धैर्य और लंबी उम्र
सेंजद (Senjed) – प्यार और परिवार
सिक्के (Sekkeh) – धन और भाग्य
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🎇 इसके अलावा, एक आईना (Mirror), सोने की मछली (Goldfish) और मोमबत्तियाँ भी रखी जाती हैं, जो जीवन की सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक हैं।
2. पारंपरिक पकवान और विशेष भोजन
नवरोज़ के दिन लोग पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं, जैसे:
🥗 सब्ज़ी पुलाव – हरी पत्तेदार सब्जियों से बना चावल
🍞 समनू – गेहूं और नट्स से बनी मीठी डिश
🍖 कोफ्ते तबरीज़ी – पारंपरिक फारसी मीटबॉल
🍮 बाकलावा और सूखे मेवे – मीठे पकवान
3. नए कपड़े पहनना और घर की सफाई (ख़ाने-तकानी)
नए कपड़े पहनना – इसे नया जीवन शुरू करने और सौभाग्य लाने का प्रतीक माना जाता है।
घर की सफाई करना (Khane-Takani) – इसे पुरानी नकारात्मक ऊर्जा को हटाने और नए अवसरों को अपनाने की परंपरा माना जाता है।
4. परिवार और दोस्तों के साथ जश्न
लोग अपने परिवार और दोस्तों से मिलते हैं, उन्हें उपहार देते हैं और शुभकामनाएँ देते हैं।
बुजुर्गों से आशीर्वाद लेना और पारंपरिक संगीत और नृत्य का आयोजन भी इस त्योहार का हिस्सा होता है।
5. आग का त्योहार – चहारशनबे सूरी (Chaharshanbe Suri)
नवरोज़ से पहले मंगलवार की रात, लोग आग जलाकर उसके ऊपर से कूदते हैं। यह परंपरा बुरे समय को पीछे छोड़ने और नई सकारात्मकता को अपनाने का प्रतीक है।
भारत में नवरोज़
भारत में पारसी समुदाय इसे विशेष रूप से "जमशेदी नवरोज़" के रूप में मनाता है। इस दिन:
पारसी समुदाय अग्नि मंदिरों (Fire Temples) में प्रार्थना करता है।
लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं, मीठे पकवान खाते हैं और शुभकामनाएँ देते हैं।
पारसी रेस्टोरेंट्स और घरों में धन-संपत्ति और समृद्धि के लिए खास व्यंजन बनाए जाते हैं।
नवरोज़ का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
✅ नए अवसरों और सकारात्मक ऊर्जा की शुरुआत
✅ शांति, समृद्धि और प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक
✅ सांस्कृतिक विविधता और एकता को बढ़ावा देने वाला त्योहार
✅ संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त एक ऐतिहासिक उत्सव
निष्कर्ष
अंतर्राष्ट्रीय नवरोज़ दिवस सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक संदेश है – "नई शुरुआत, नई उम्मीदें और शांति।" यह दिन हमें याद दिलाता है कि पुराने ग़मों को छोड़कर, नई संभावनाओं को अपनाने का समय आ गया है।
🌱 इस नवरोज़, आप क्या नया करने जा रहे हैं? कमेंट में बताएं!
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