International Day for Biological Diversity(अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस) 2025: प्रकृति के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी
प्रस्तावना
हर साल 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (International Day for Biological Diversity) मनाया जाता है। यह दिन हमें पृथ्वी पर मौजूद विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं, पौधों, सूक्ष्मजीवों, और उनके प्राकृतिक आवासों के महत्व को समझाने और उनकी रक्षा के लिए प्रेरित करने का अवसर देता है। जैव विविधता न केवल हमारे पर्यावरण को संतुलित बनाए रखती है, बल्कि यह मानव जीवन, स्वास्थ्य, भोजन और आर्थिक समृद्धि से भी गहराई से जुड़ी हुई है।
2025 में इस दिवस की थीम है: “Be Part of the Plan” (योजना का हिस्सा बनें)। यह थीम इस बात को दर्शाती है कि हर व्यक्ति, समुदाय, संस्था और सरकार जैव विविधता की रक्षा की योजना में अपना योगदान दे सकता है और देना चाहिए।
जैव विविधता का अर्थ क्या है?
जैव विविधता का तात्पर्य पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी जीवों की विविधता से है – चाहे वे पौधे हों, जानवर हों, सूक्ष्मजीव हों या उनके आवास हों। यह तीन मुख्य स्तरों पर देखी जाती है:
1. प्रजातियों की विविधता (Species Diversity)
2. आनुवंशिक विविधता (Genetic Diversity)
3. पारिस्थितिक तंत्र की विविधता (Ecosystem Diversity)
जैव विविधता से हमारा जीवन सीधे प्रभावित होता है क्योंकि यह:
भोजन प्रदान करती है
दवाइयों के स्रोत प्रदान करती है
स्वच्छ हवा और पानी सुनिश्चित करती है
जलवायु को नियंत्रित करती है
2025 की थीम: “Be Part of the Plan” का महत्व
2025 की थीम "Be Part of the Plan" यह स्पष्ट करती है कि अब सिर्फ सरकारों या वैज्ञानिकों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर व्यक्ति को जैव विविधता की सुरक्षा के लिए सक्रिय भागीदार बनना होगा।
इस थीम के प्रमुख संदेश:
सामूहिक उत्तरदायित्व: हर नागरिक को छोटे-छोटे कदमों से जैव विविधता की रक्षा करनी चाहिए।
नीति निर्माण में भागीदारी: लोगों को योजनाओं और अभियानों में शामिल होना चाहिए।
स्थानीय से वैश्विक तक: कार्य छोटे स्तर पर शुरू हों लेकिन उसका असर वैश्विक हो सकता है।
भारत में जैव विविधता की स्थिति
भारत एक जैव विविधता हॉटस्पॉट है। यहाँ लगभग:
90,000 से अधिक जानवरों की प्रजातियाँ
45,000 से अधिक पौधों की प्रजातियाँ
भारत का 2.4% भूभाग विश्व की लगभग 8% ज्ञात जैव विविधता का घर है। भारत के कुछ प्रमुख जैव विविधता क्षेत्रों में शामिल हैं:
हिमालय क्षेत्र
पश्चिमी घाट
सुंदरबन मैंग्रोव
पूर्वोत्तर भारत
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
जैव विविधता को क्यों बचाना जरूरी है?
1. पारिस्थितिक संतुलन: हर प्रजाति पारिस्थितिकी तंत्र में किसी न किसी भूमिका में होती है। यदि एक भी प्रजाति समाप्त होती है, तो उसका असर पूरी श्रृंखला पर पड़ता है।
2. भोजन सुरक्षा: विभिन्न फसलों की विविधता हमें खाद्य सुरक्षा प्रदान करती है।
3. दवा और चिकित्सा: 70% से अधिक दवाएं पौधों, जानवरों या सूक्ष्मजीवों से आती हैं।
4. जलवायु नियंत्रण: वनों और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्रों द्वारा कार्बन का अवशोषण जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करता है।
5. सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व: कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं प्रकृति से जुड़ी हैं।
जैव विविधता को खतरे
वनों की कटाई और शहरीकरण
प्रदूषण (जल, वायु, भूमि)
जलवायु परिवर्तन
अवैध शिकार और व्यापार
आक्रामक प्रजातियों का प्रसार
भारत सरकार और अंतर्राष्ट्रीय प्रयास
भारत सरकार ने जैव विविधता संरक्षण के लिए कई योजनाएं और अधिनियम लागू किए हैं:
जैव विविधता अधिनियम 2002
राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA)
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986
अंतरराष्ट्रीय समझौते:
Convention on Biological Diversity (CBD)
Aichi Biodiversity Targets
UN Sustainable Development Goals (SDG-15)
हमारी भूमिका: हम क्या कर सकते हैं?
स्थानीय पौधे लगाएं
वन्यजीवों को नुकसान न पहुंचाएं
प्लास्टिक का उपयोग कम करें
जैविक खेती को बढ़ावा दें
प्रकृति के संरक्षण पर शिक्षा दें
छात्रों, शिक्षकों और समाज की भूमिका
छात्र:
प्रकृति क्लब बनाकर स्थानीय जैव विविधता की जानकारी इकट्ठा करें।
स्कूल और कॉलेज में अभियान चलाएं।
शिक्षक:
पाठ्यक्रम में जैव विविधता से जुड़ी परियोजनाएं शामिल करें।
समाज:
पर्यावरण मित्र बनें, पेड़ लगाएं, जल स्रोतों की रक्षा करें।
प्रेरणादायक नारे (Slogans) और उनका विवरण
1. “प्रकृति बचाओ, भविष्य सजाओ”
यह नारा आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारे कर्तव्यों की याद दिलाता है।
2. “हर जीव का है अपना स्थान, इन्हें बचाना है हमारा काम”
हर प्रजाति की एक भूमिका होती है और उसका संरक्षण आवश्यक है।
3. “जैव विविधता है जीवन का मूल, इसे बचाना है हम सबका उसूल”
जीवन के मूल तत्वों में जैव विविधता प्रमुख है।
4. “Be Part of the Plan – हर कदम से हो योगदान”
इस साल की थीम पर आधारित प्रेरणात्मक स्लोगन।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. जैव विविधता क्या है? A1. जैव विविधता से तात्पर्य पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी जीवों और उनके पारिस्थितिक तंत्रों की विविधता से है।
Q2. जैव विविधता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? A2. हर साल 22 मई को जैव विविधता दिवस जैविक विविधता के महत्व और संरक्षण के लिए मनाया जाता है।
Q3. भारत में जैव विविधता की स्थिति कैसी है? A3. भारत जैव विविधता के क्षेत्र में विश्व के सबसे समृद्ध देशों में से एक है। यहाँ हजारों पौधे और पशु प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
Q4. 2025 की थीम क्या है? A4. “Be Part of the Plan” – यह थीम सभी को जैव विविधता संरक्षण की योजनाओं का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करती है।
Q5. जैव विविधता को कैसे बचाया जा सकता है? A5. पौधे लगाकर, प्लास्टिक का कम उपयोग कर, पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करके और लोगों को जागरूक करके।
निष्कर्ष
अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि पृथ्वी पर जीवन की विविधता की रक्षा करना केवल वैज्ञानिकों या सरकारों का काम नहीं है, बल्कि हम सभी की साझा जिम्मेदारी है। "Be Part of the Plan" केवल एक थीम नहीं, बल्कि एक आह्वान है – कि हम अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलाव लाकर प्रकृति की रक्षा कर सकते हैं। आइए हम सब मिलकर एक ऐसा भविष्य बनाएं जहाँ हर प्रजाति को जीने का अधिकार मिले, और पृथ्वी की जैव विविधता सदैव सुरक्षित रहे।
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