International Missing Children Day 2025: इतिहास, महत्व, जागरूकता और समाज की भूमिका

परिचय

हर साल 25 मई को International Missing Children Day मनाया जाता है। यह दिन दुनियाभर में उन बच्चों की याद में मनाया जाता है जो लापता हैं या जिनका अपहरण कर लिया गया है। इस दिन का उद्देश्य न केवल इन बच्चों की तलाश में सहयोग करना है बल्कि इस मुद्दे के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना भी है।

इतिहास और पृष्ठभूमि

Etan Patz Case

इस दिन की शुरुआत अमेरिका के Etan Patz नामक 6 वर्षीय बच्चे के अपहरण के बाद हुई थी, जो 25 मई 1979 को न्यूयॉर्क से लापता हुआ था। वह पहला बच्चा था जिसकी तस्वीर "milk cartons" पर छापी गई थी। इस मामले ने अमेरिकी समाज को झकझोर दिया और बच्चों की सुरक्षा पर व्यापक बहस शुरू हुई।

International Missing Children Day

अधिकारिक घोषणा

1983 में अमेरिका के राष्ट्रपति Ronald Reagan ने 25 मई को National Missing Children's Day घोषित किया। इसके बाद, इसे International Missing Children’s Day के रूप में वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया गया।

International Missing Children Day का उद्देश्य

1. लापता बच्चों की याद:

उन बच्चों को याद करना जो आज भी नहीं मिल पाए हैं।

2. सहायता की अपील:

आम नागरिकों, संस्थाओं और सरकारों से सहयोग की अपील।

3. जागरूकता बढ़ाना:

अपहरण, मानव तस्करी और बाल शोषण जैसे अपराधों के प्रति चेतना फैलाना।

4. नए प्रयासों को बढ़ावा देना:

बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी और कानूनी उपायों को लागू करना।

वर्तमान स्थिति: दुनिया भर में बच्चों के लापता होने की समस्या

हर साल लाखों बच्चे दुनियाभर से लापता होते हैं।

कुछ मामलों में बच्चे स्वयं घर से भाग जाते हैं, तो कुछ में अपराधी उन्हें अपहरण या तस्करी के उद्देश्य से उठा लेते हैं।

UNICEF, INTERPOL, और Missing Children Europe जैसी संस्थाएँ इस मुद्दे पर काम कर रही हैं।

भारत में स्थिति

भारत में प्रतिदिन लगभग 200 से अधिक बच्चे लापता हो जाते हैं।

इनमें से अधिकांश मामले मानव तस्करी, बाल श्रम, यौन शोषण या घरेलू हिंसा से जुड़े होते हैं।

सरकार ने “TrackChild” पोर्टल और 1098 हेल्पलाइन जैसी सेवाएँ शुरू की हैं।

कैसे मनाया जाता है यह दिन?

1. Awareness Campaigns

सोशल मीडिया, टेलीविज़न और समाचार पत्रों के माध्यम से जनजागरण।

2. संगोष्ठी और कार्यशालाएँ

विद्यालयों, कॉलेजों और NGO द्वारा जागरूकता कार्यक्रम।

3. Vigils and Candlelight Marches

लापता बच्चों की याद में मोमबत्ती मार्च और प्रार्थना सभाएँ।

4. Online Participation

हैशटैग जैसे #MissingChildrenDay, #HelpFindMe के साथ जागरूकता फैलाना।

समाज की भूमिका

माता-पिता: बच्चों पर ध्यान देना, सुरक्षा सिखाना, और संवाद बनाए रखना।

शिक्षक: बच्चों को सतर्कता और आत्म-सुरक्षा की शिक्षा देना।

सामान्य नागरिक: किसी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देना और जागरूकता अभियानों में भाग लेना।

टेक्नोलॉजी और बच्चों की सुरक्षा

Facial Recognition Tools

Geo-tagging और GPS Trackers

Missing Child Database और Apps

2025 की थीम (संभावित):

"Empowering Communities to Find Every Missing Child"

यह थीम इस बात पर जोर देती है कि पूरे समाज को एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करना चाहिए।

निष्कर्ष

International Missing Children Day केवल एक स्मृति दिवस नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति एक पुकार है—कि हर बच्चा सुरक्षित घर लौटे। हमें बच्चों के अधिकारों, सुरक्षा, और भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा। यह दिन हमें यह भी सिखाता है कि जागरूकता, सहयोग और तकनीक की मदद से हम इस वैश्विक समस्या का समाधान निकाल सकते हैं।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. International Missing Children Day कब मनाया जाता है?

हर साल 25 मई को।


Q2. यह दिन क्यों मनाया जाता है?

लापता बच्चों की याद में और समाज को जागरूक करने के लिए।


Q3. क्या यह दिन भारत में भी मनाया जाता है?

हाँ, भारत सहित कई देश इस दिन को मान्यता देते हैं।


Q4. लापता बच्चों की खोज के लिए कौन-कौन सी संस्थाएँ कार्यरत हैं?

UNICEF, INTERPOL, TrackChild India, और कई NGOs।


Q5. हम इस दिन क्या कर सकते हैं?

सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाना, पोस्टर बनाना, संगोष्ठी में भाग लेना।

Also Read: 

International Day of street children 

International Day of Families 

Baby Massage Day 💆‍♀️ 

Comments