श्रावण मास का अंतिम सोमवार 2025: महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, व्रत कथा व विशेष बातें 🌙🕉️

Sawan somwar

🔰 परिचय (Introduction)

श्रावण मास (Sawan Month) हिन्दू पंचांग का सबसे पवित्र महीना माना जाता है, जो संपूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। श्रावण का हर सोमवार "सोमवार व्रत" के रूप में मनाया जाता है, लेकिन इसका अंतिम सोमवार धार्मिक दृष्टि से विशेष रूप से अत्यंत शुभ और फलदायक माना गया है।

साल 2025 में श्रावण मास का अंतिम सोमवार 4 अगस्त 2025 को मनाया जा रहा है। यह दिन शिव भक्तों के लिए विशेष फल प्रदान करने वाला होता है।

🕉️ श्रावण मास का महत्व

श्रावण मास को शिव का प्रिय महीना कहा गया है।

इस महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, उपवास और जप विशेष फल देता है।

इस मास में सोमवार व्रत रखने से विशेष लाभ मिलता है, जैसे:

विवाह में आ रही बाधा दूर होती है

जीवन में सुख-शांति बनी रहती है

संतान प्राप्ति और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है

📅 4 अगस्त 2025 का महत्व (Sawan Last Somwar 2025)

Sawan ka antim somwar

यह सोमवार श्रावण मास का चौथा और अंतिम सोमवार है।

इस दिन चार विशेष योग बन रहे हैं:

इंद्र योग

रवि योग

ब्रह्म योग

सर्वार्थ सिद्धि योग

इसके साथ ही इस दिन एकादशी तिथि और प्रदोष काल भी है।

🪔 इस संयोग के कारण यह दिन अत्यधिक शुभ, दुर्लभ, और मनोकामना पूर्ति करने वाला माना जा रहा है।

📿 व्रत विधि (Sawan Somwar Vrat Vidhi)

🧘‍♀️ व्रत रखने की विधि:

1. प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

2. शिवलिंग या घर के मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें।

3. "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जप करें।

4. पंचामृत से अभिषेक करें — दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल।

5. इसके बाद गंगाजल से शुद्ध जलाभिषेक करें।

6. बेल पत्र, धतूरा, सफेद फूल, और भांग चढ़ाएँ।

7. दीप और धूप से आरती करें।

8. अंत में भगवान शिव से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें।

🌟 रुद्राभिषेक का विशेष महत्व

रुद्राभिषेक, श्रावण मास में किया गया सबसे प्रभावशाली उपाय है। इसे करने से:

सभी ग्रह दोषों का शमन होता है।

मानसिक तनाव और बाधाएँ दूर होती हैं।

शिव कृपा से धन, सुख और स्वास्थ्य प्राप्त होता है।

रुद्राभिषेक सामग्री:

गंगाजल

दूध

शहद

घी

बेलपत्र

चंदन

धतूरा

भांग

सफेद वस्त्र

🕰️ शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat 4 August 2025)

कार्य समय

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:15 से 5:00 बजे तक

पूजा आरंभ सुबह 7:04 AM से 9:12 AM तक

प्रदोष काल शाम 6:55 PM से रात 9:10 PM

अभिषेक का समय दिन में किसी भी समय, विशेष रूप से प्रदोष काल में

📖 व्रत कथा (Sawan Somwar Vrat Katha)

एक बार एक निर्धन ब्राह्मण था जो बहुत ही दुखी जीवन बिता रहा था। वह भगवान शिव का भक्त था और हर सोमवार को व्रत रखता था। एक दिन शिवजी ने स्वप्न में आकर कहा, "तू श्रावण मास के अंतिम सोमवार को पूरे श्रद्धा भाव से व्रत और पूजन कर।"

ब्राह्मण ने वैसा ही किया और उसके जीवन की सभी कठिनाइयाँ दूर हो गईं। वह धन, यश और सुख से भर गया।

👉 इस कथा से यह सिद्ध होता है कि श्रावण मास का अंतिम सोमवार विशेष फलदायक और चमत्कारी होता है।

🌼 क्या न करें इस दिन?

1. लहसुन, प्याज और मांस-मदिरा का सेवन न करें।

2. किसी का अपमान न करें।

3. क्रोध, झूठ और छल-कपट से बचें।

4. ब्राह्मण, गाय और गरीबों को अपमानित न करें।

5. मानसिक रूप से पवित्र रहें।

🌿 श्रद्धा से करें यह 5 विशेष उपाय

1. “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जप करें

2. शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएं

3. गरीबों को भोजन कराएं

4. शिव मंदिर में घंटी या त्रिशूल दान करें

5. कांवड़ियों की सेवा करें

🙏 लाभ (Benefits)

वैवाहिक जीवन में सुख-शांति

मनचाही शादी

आर्थिक प्रगति

संतान प्राप्ति

मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति

🌸 विशेष मंत्र (Shiva Mantras)

मंत्र लाभ

ॐ नमः शिवाय मानसिक शांति व शुद्धता

महामृत्युंजय मंत्र रोग, भय व संकट निवारण

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे... दीर्घायु और स्वास्थ्य लाभ

ॐ शिवाय नमः शिव कृपा और आशीर्वाद

📱 सोशल मीडिया पर शेयर करने योग्य स्लोगन और Wishes

"हर हर महादेव! श्रावण का अंतिम सोमवार मंगलमय हो।"

"ॐ नमः शिवाय — शिव की कृपा बनी रहे सदा आप पर।"

"शिव शंकर का आशीर्वाद, हर दुख को करे बर्बाद।"

"सावन का सोमवार है आया, भक्तों ने शिव को मनाया।"

"शिव ही सत्य है, शिव ही शक्ति है।"

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. श्रावण मास का अंतिम सोमवार इतना खास क्यों होता है?

उत्तर: यह भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने का आखिरी अवसर होता है, और शुभ योगों की उपस्थिति इस दिन को और प्रभावशाली बनाती है।


Q2. क्या व्रत रखने के लिए केवल सोमवार को ही उपवास करना जरूरी है?

उत्तर: हां, श्रावण के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखने का विशेष महत्व है, लेकिन अंतिम सोमवार को जरूर करना चाहिए।


Q3. क्या महिलाएं भी यह व्रत रख सकती हैं?

उत्तर: जी हां, स्त्रियां विशेष रूप से यह व्रत रखती हैं अपने विवाह, संतान सुख व पारिवारिक सुख के लिए।


Q4. व्रत में क्या खाया जा सकता है?

उत्तर: फलाहार जैसे फल, साबूदाना, आलू, दूध, मूंगफली, दही आदि।

📜 निष्कर्ष (Conclusion)

श्रावण मास का अंतिम सोमवार एक ऐसा दिव्य दिन है जो भक्ति, साधना, और आत्मिक शांति के साथ-साथ मनोकामना पूर्ति का अवसर भी देता है। इस दिन किया गया छोटा सा पुण्य कार्य भी अत्यंत फलदायी होता है। इसलिए पूरे श्रद्धा और आस्था से इस दिन भगवान शिव का पूजन करें और जीवन को सफल बनाएं।

🕉️ हर हर महादेव 


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