International Day of Innocent Children Victims of Aggression 2025 – क्यों मनाया जाता है ये दिन?
अंतरराष्ट्रीय निर्दोष बच्चों के आक्रोश के शिकार दिवस
📅 दिनांक: 4 जून | 🌐 दुनियाभर में मनाया जाता है | 🕊️ UN द्वारा घोषित
🔷 प्रस्तावना (Introduction)
हर साल 4 जून को दुनिया भर में "International Day of Innocent Children Victims of Aggression" मनाया जाता है। यह दिन उन मासूम बच्चों को समर्पित है जो युद्ध, आतंकवाद, घरेलू हिंसा, बाल शोषण, बाल तस्करी और अन्य प्रकार की क्रूरताओं का शिकार होते हैं।
बच्चे किसी भी समाज का भविष्य होते हैं, लेकिन जब वे हिंसा के चक्रव्यूह में फंस जाते हैं, तो न केवल उनका बचपन बल्कि मानवता itself संकट में पड़ जाती है।
📜 इतिहास व शुरुआत (History and Origin)
यह दिन 1982 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा घोषित किया गया था।
इसकी शुरुआत लेबनान और फिलिस्तीन के बच्चों पर हुए हमलों की प्रतिक्रिया में हुई थी।
उद्देश्य था: दुनिया का ध्यान युद्ध और संघर्षों के दौरान बच्चों पर हो रहे अत्याचारों की ओर खींचना।
🗓️ तब से हर साल 4 जून को यह दिन शांति, सुरक्षा और बच्चों की गरिमा की रक्षा के संदेश के साथ मनाया जाता है।
🧒 बच्चों पर होने वाली हिंसा के प्रकार (Types of Aggression Against Children)
1. ⚔️ युद्ध और सशस्त्र संघर्ष (War & Armed Conflict)
2. 👊 घरेलू हिंसा (Domestic Violence)
3. 📚 स्कूल में दंड व हिंसा (School Violence)
4. 👶 बाल श्रम (Child Labor)
5. 🔞 यौन शोषण (Sexual Abuse)
6. 💔 बाल विवाह (Child Marriage)
7. 🚫 बाल तस्करी (Child Trafficking)
🌍 दुनियाभर की स्थिति (Global Statistics)
हर साल लाखों बच्चे युद्धग्रस्त क्षेत्रों में मारे जाते हैं या घायल होते हैं।
UNICEF की रिपोर्ट (2024) के अनुसार:
37 मिलियन बच्चे प्रत्यक्ष रूप से संघर्ष क्षेत्रों से प्रभावित हैं।
9 में से 1 बच्चा यौन हिंसा का शिकार होता है।
अफगानिस्तान, सीरिया, सूडान, यमन, गाज़ा पट्टी और यूक्रेन जैसे क्षेत्रों में हालात सबसे गंभीर हैं।
🇮🇳 भारत में स्थिति (Condition in India)
भारत में भी कई बच्चे घरेलू हिंसा, यौन शोषण, बाल मजदूरी और तस्करी का शिकार होते हैं:
📊 राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) 2023 के अनुसार:
हर दिन औसतन 100 से अधिक बच्चों के खिलाफ अपराध दर्ज होते हैं।
POCSO Act के तहत 2023 में 1.5 लाख से अधिक केस दर्ज हुए।
🎗️ इस दिन का महत्व (Significance of This Day)
📣 लोगों को जागरूक करना कि बच्चे भी हिंसा के गंभीर शिकार हो सकते हैं।
✊ अंतरराष्ट्रीय संगठनों को चेतावनी देना कि वे बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
🕯️ उन बच्चों को श्रद्धांजलि देना जिन्होंने हिंसा के कारण अपना जीवन खो दिया।
🛡️ बच्चों की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदम (Steps Towards Child Protection)
सरकार द्वारा:
POCSO Act 2012 (Protection of Children from Sexual Offences)
RTE Act 2009 (शिक्षा का अधिकार अधिनियम)
बाल मजदूरी निषेध अधिनियम
NCPCR (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग)
NGOs द्वारा:
Childline 1098
Save The Children
Bachpan Bachao Andolan
माता-पिता और समाज द्वारा:
बच्चों को खुलकर बोलने के लिए प्रेरित करें।
स्कूलों में काउंसलिंग और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें।
डिजिटल सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
🗣️ प्रसिद्ध उद्धरण (Famous Quotes)
> “Children are the hands by which we take hold of heaven.” – Henry Ward Beecher
> “There can be no keener revelation of a society’s soul than the way in which it treats its children.” – Nelson Mandela
> “Bachpan ko surakshit rakhna ek samajik zimmedari hai, kewal kanooni nahi।” – अज्ञात
🙌 हम क्या कर सकते हैं? (What Can We Do?)
1. 📢 सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाएं (#SaveInnocentChildren)
2. 🎓 स्कूलों में workshops करवाएं
3. 💬 बच्चों की बातों को गंभीरता से सुनें
4. 🤝 किसी NGO के साथ जुड़ें
5. 🛑 किसी भी हिंसा को देखकर चुप न रहें — रिपोर्ट करें
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❓ FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. अंतरराष्ट्रीय निर्दोष बच्चों के आक्रोश के शिकार दिवस कब मनाया जाता है?
📅 हर साल 4 जून को।
Q2. यह दिवस क्यों मनाया जाता है?
👉 उन बच्चों की याद में जो हिंसा और संघर्ष का शिकार हुए हैं।
Q3. इस दिन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
🎯 लोगों को बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए जागरूक करना।
Q4. भारत में कौन से कानून बच्चों को सुरक्षा देते हैं?
📘 POCSO Act, RTE Act, बाल श्रम निषेध अधिनियम आदि।
Q5. क्या हम आम नागरिक इस दिन से जुड़ सकते हैं?
✅ बिल्कुल! सोशल मीडिया, स्थानीय कार्यक्रम, और स्वयंसेवा के ज़रिए।
🔚 निष्कर्ष (Conclusion)
4 जून का दिन सिर्फ एक तारीख नहीं है — यह एक स्मरण दिवस है उन मासूम बच्चों के लिए, जिनका बचपन हिंसा और क्रूरता की भेंट चढ़ गया। हमें न केवल इस दिन उन्हें श्रद्धांजलि देनी चाहिए, बल्कि हर दिन उनके हक की लड़ाई लड़नी चाहिए।
👉 एक समाज तभी महान कहलाता है जब वह अपने बच्चों को सुरक्षित और सम्मानजनक बचपन देता है।
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