World Hepatitis Day 2025: जानिए इस ख़तरनाक बीमारी से कैसे बचें और जीवन बचाएं 💉🛡️

World Hepatitis day


🗓️ 28 जुलाई को क्यों मनाया जाता है "विश्व हेपेटाइटिस दिवस"?

प्रति वर्ष की तरह WHO ने 28 जुलाई को औपचारिक रूप से 'विश्व हेपेटाइटिस जैसी घातक बीमारी के रूप में' मनाने के लिए घोषण की क्योंकि दुनिया भर में हेपेटाइटिस एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता बन चुका है। यह दिन वैज्ञानिक डॉ. बरूच सैमुअल ब्लमबर्ग के जन्मदिवस पर आधारित है, जिन्होंने हेपेटाइटिस B वायरस की खोज की थी और इसके लिए वैक्सीन भी विकसित की थी। इस दिवस का उद्देश्य विश्व स्तर पर लोगों को हेपेटाइटिस के विभिन्न प्रकारों, इसके लक्षणों, उपचार और रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूक करना है।

विश्व हेपेटाइटिस दिवस पहली बार आधिकारिक रूप से 2010 में WHO द्वारा घोषित किया गया था। लेकिन इससे पहले भी यह दिवस अनौपचारिक रूप से मनाया जाता था। WHO ने इसे अपने सात प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य अभियानों में शामिल किया है जैसे कि World AIDS Day, World Tuberculosis Day आदि। इसका उद्देश्य यही है कि इस बीमारी की गंभीरता को समझा जाए और समय पर जांच, इलाज और वैक्सीनेशन द्वारा लाखों लोगों की जान बचाई जा सके।

World Hepatitis day


🧬 हेपेटाइटिस क्या है?

हेपेटाइटिस का मतलब है — 'जिगर (liver) की सूजन'। यह एक मेडिकल स्थिति है जिसमें लीवर की कोशिकाएं प्रभावित होती हैं और वह अपना काम ठीक से नहीं कर पाता। यह स्थिति अस्थायी (acute) भी हो सकती है और दीर्घकालीन (chronic) भी, जो कि कई बार जानलेवा साबित हो सकती है।

हेपेटाइटिस के प्रमुख कारणों में वायरल संक्रमण, शराब का अत्यधिक सेवन, टॉक्सिन्स, दवाइयों का गलत प्रयोग और ऑटोइम्यून बीमारियाँ शामिल हैं। लेकिन सबसे अधिक मामले वायरल हेपेटाइटिस के होते हैं, जो हेपेटाइटिस A, B, C, D, और E वायरस के कारण होता है।

इस बीमारी का असर सिर्फ स्वास्थ्य पर नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी होता है, क्योंकि कई बार लोग इसकी गंभीरता को नजरअंदाज करते हैं और जब तक लक्षण सामने आते हैं, तब तक जिगर को नुकसान हो चुका होता है। इसीलिए इस दिवस पर लोगों को समय रहते जांच कराने और वैक्सीनेशन करवाने के लिए जागरूक किया जाता है।

🔬 हेपेटाइटिस के प्रकार और उनके कारण

वायरल हेपेटाइटिस के पांच मुख्य प्रकार होते हैं:

1. हेपेटाइटिस A:

कारण: दूषित भोजन और पानी

लक्षण: बुखार, कमजोरी, भूख की कमी, मतली, पेट दर्द, पीलिया

यह आमतौर पर कुछ हफ्तों में ठीक हो जाता है और क्रॉनिक नहीं होता।

2. हेपेटाइटिस B:

कारण: संक्रमित रक्त, सीमेन, अन्य शारीरिक तरल पदार्थ

लक्षण: थकान, जोड़ों में दर्द, भूख की कमी, पीलिया

यह क्रॉनिक बन सकता है और जिगर सिरोसिस या कैंसर तक ले जा सकता है।

भारत में यह सबसे आम प्रकार है।

3. हेपेटाइटिस C:

कारण: संक्रमित रक्त (असुरक्षित सुई, रक्त चढ़ाना आदि)

लक्षण: आमतौर पर कोई प्रारंभिक लक्षण नहीं, परंतु धीरे-धीरे लिवर डैमेज होता है

यह लगभग 80% मामलों में क्रॉनिक हो जाता है।

4. हेपेटाइटिस D:

यह केवल उन्हीं लोगों को होता है जिन्हें पहले से हेपेटाइटिस B है।

यह दोनों वायरस मिलकर लिवर को तेजी से खराब कर सकते हैं।

5. हेपेटाइटिस E:

कारण: दूषित पानी

यह अधिकतर विकासशील देशों में पाया जाता है।

गर्भवती महिलाओं में यह खतरनाक हो सकता है।

इन सभी प्रकारों का फैलाव और उपचार अलग-अलग होता है। लेकिन एक बात समान है — जागरूकता और समय पर इलाज ही बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।

🎯 2025 की थीम: Hepatitis Can't Wait

विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2025 की थीम है — "Hepatitis Can't Wait", जिसका शाब्दिक अर्थ है — "हेपेटाइटिस इंतज़ार नहीं कर सकता।"

यह थीम दर्शाती है कि अब समय नहीं बचा है, बीमारी का इलाज और रोकथाम तुरंत ज़रूरी है। यह संदेश देता है कि लाखों लोग हर साल इस बीमारी से मर रहे हैं, और यदि हम समय पर कार्रवाई नहीं करेंगे, तो परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं। यह थीम हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स, नीति निर्माताओं, और आम नागरिक — सभी को सक्रिय रूप से शामिल होने का आह्वान करती है।

WHO का लक्ष्य है कि 2030 तक हेपेटाइटिस को वैश्विक खतरे के रूप में समाप्त किया जाए। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हर साल एक थीम निर्धारित की जाती है जो जागरूकता फैलाने का केंद्र बिंदु होती है।

🌍 भारत और विश्व में हेपेटाइटिस की स्थिति

भारत में हेपेटाइटिस एक बड़ी समस्या है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और झुग्गी-झोपड़ियों में जहां स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित होती हैं।

भारत में लगभग 40 मिलियन लोग हेपेटाइटिस B और 6-12 मिलियन लोग हेपेटाइटिस C से पीड़ित हैं।

हर साल हेपेटाइटिस से जुड़ी बीमारियों के कारण हजारों लोगों की मृत्यु हो जाती है।

दूषित पानी, असुरक्षित टीकाकरण, संक्रमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन और जन जागरूकता की कमी इसके प्रमुख कारण हैं।

विश्व स्तर पर, WHO के अनुसार:

लगभग 32 करोड़ लोग किसी न किसी प्रकार के हेपेटाइटिस से प्रभावित हैं।

हर साल 11 लाख से अधिक लोग इससे मरते हैं।

90% संक्रमित लोगों को यह भी नहीं पता कि वे संक्रमित हैं।

यह आंकड़े बताते हैं कि यह बीमारी कितनी व्यापक और घातक है, और इसकी रोकथाम के लिए एक संगठित, वैश्विक प्रयास की ज़रूरत है।

⚠️ हेपेटाइटिस के लक्षण

अक्सर हेपेटाइटिस के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं, खासकर B और C प्रकार में। कई बार मरीज को पता भी नहीं चलता कि उन्हें यह संक्रमण है।

सामान्य लक्षण:

भूख में कमी

थकान और कमजोरी

पेट में दर्द, खासकर दाहिने ऊपरी हिस्से में

मतली और उल्टी

बुखार

जोड़ों में दर्द

गाढ़ा मूत्र और हल्का मल

आंखों और त्वचा का पीलापन (पीलिया)

यदि समय रहते जांच न कराई जाए तो यह लक्षण गंभीर जिगर रोगों का रूप ले सकते हैं जैसे सिरोसिस, हेपाटिक एन्सेफालोपैथी और लिवर कैंसर। इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।

🔬 जांच और पहचान कैसे होती है?

हेपेटाइटिस की जांच रक्त परीक्षण द्वारा होती है, जैसे:

LFT (Liver Function Test): लीवर के कार्य को जांचता है।

HBsAg Test: हेपेटाइटिस B की पहचान करता है।

Anti-HCV Test: हेपेटाइटिस C की पहचान करता है।

PCR टेस्ट: वायरस की मात्रा जानने के लिए किया जाता है।

💉 रोकथाम और वैक्सीनेशन

1. हेपेटाइटिस A और B के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। बचपन में इसका टीकाकरण आवश्यक होता है।

2. सुरक्षित भोजन और पानी का सेवन करें।

3. दवाओं और इंजेक्शन को केवल डॉक्टर की सलाह पर लें।

4. सुरक्षित यौन संबंध और साफ-सुथरे टैटू उपकरण का प्रयोग करें।

5. संक्रमित व्यक्ति के ब्लड, रेज़र, टूथब्रश आदि से दूर रहें।

📢 जागरूकता अभियान और सरकारी प्रयास

भारत और दुनिया भर में कई संगठन हेपेटाइटिस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चला रहे हैं।

भारत सरकार की पहल:

राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम (NVHCP)

मुफ्त स्क्रीनिंग और इलाज की सुविधा

ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में जागरूकता कैम्प

स्कूलों और कॉलेजों में पोस्टर और सेमिनार

WHO की भूमिका:

वैश्विक स्तर पर रणनीति बनाना

वैक्सीनेशन बढ़ाना

संक्रमित देशों को सहायता देना

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. क्या हेपेटाइटिस जानलेवा है?

हाँ, अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह लीवर फेलियर या कैंसर का कारण बन सकता है।


2. क्या हेपेटाइटिस का इलाज संभव है?

हेपेटाइटिस A और E खुद ठीक हो जाते हैं। B और C का इलाज संभव है, लेकिन यह समय पर जांच पर निर्भर करता है।


3. क्या हेपेटाइटिस का वैक्सीन हर किसी को लगवाना चाहिए?

हाँ, विशेषकर बच्चों, स्वास्थ्यकर्मियों और उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को वैक्सीनेशन ज़रूरी है।


4. क्या गर्भवती महिलाएं हेपेटाइटिस से संक्रमित हो सकती हैं?

हाँ, और इससे बच्चे को भी संक्रमण हो सकता है। इसीलिए प्रेगनेंसी में टेस्ट और वैक्सीन जरूरी है।


5. क्या हेपेटाइटिस से बचने के घरेलू उपाय हैं?

साफ पानी पीना, पौष्टिक भोजन करना और हाइजीन का ध्यान रखना जरूरी है।

निष्कर्ष (Conclusion)

विश्व हेपेटाइटिस दिवस एक ऐसा अवसर है जब हम सभी को मिलकर इस बीमारी के बारे में जागरूक होना चाहिए। हेपेटाइटिस की रोकथाम, जांच और इलाज संभव है — बस ज़रूरत है समय पर एक्शन लेने की।

👉 अब वक्त है जागरूक होने का, अपने और अपने परिवार की सेहत को सुरक्षित रखने का।

🎗️ आइए मिलकर हेपेटाइटिस को जड़ से मिटाएं।

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